Skip to main content

विटामिन डी की कमी स्रोत फायदे लक्षण vitamin D deficiency sources hindi

 अन्य नाम

    विटामिन डी 2 या अर्गोकेलसीफेरोल (Vitamin D2 or Ergocalciferol)
    विटामिन डी 3 या कोलेकेलसीफेरोल (Vitamin D3 or Cholecalciferol)


2.  क्या करता है
यह आपके शरीर के हड्डीयों को बनाने और संभाल कर रखने में मदद करता है। साथ ही यह शरीर में केलसियम (calcium) के स्तर को नियंत्रित रखता है।

3.  अभाव के लक्षण 
इसके अभाव में हड्डी कमजोर होता है और टूट भी सकता है (फ्रेकचर या Fracture)। बच्चों में इस स्थिती को रिकेटस (Rickets) कहते हैं, और व्यस्क लोगों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टीयोमलेशिया (osteomalacia) कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं।

4.  कैसे मिलता है?
विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं – अंडे का पीला भाग (egg yolk), मछली के तेल, विटामिन डी युक्त दूध और बटर में, और धूप सेकने से।

5.  बहुत अधिक खाने से लक्षण 
इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे में, दिल में, खून के नसों में और अन्य जगह में, एक प्रकार का पथरी हो सकता है| यह केलसियम (calcium) का बना होता है। इससे बल्ड प्रेशर या रक्तचाप बढ सकता है, खून में कोलेसटेरोल अधिक हो सकता है, और दिल पर असर पर सकता है। साथ ही चक्कर आना, कमजोरी लगना और सिरदर्द हो सकता है। पेट खराब होने से दस्त भी हो सकता है। 


READ MOREZingat Wish

Popular posts from this blog

किडनी की बीमारी गुर्दा रोग का उपचार kidney stone treatment home remedy

किडनी स्टोन गुर्दे में कैल्शियम oxalate के संग्रह जमा होने से होने बाली एक बीमारी है, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह गुर्दे की पथरी विकसित होने का अधिक खतरा होता है। गुर्दे की पत्थरी को दूर करने के लिए, पानी का खूब सेवन करें। दुनिया भर के दस में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में गुर्दे यानी किडनी की बीमारी या विकारों से ग्रस्त है। किडनी के ये विकार ही अंत में गुर्दे की खराबी(किडनी फेलियोर) का कारण बनते है। लक्षण - 1) पीठ और साइड में असहनीय दर्द 2) दर्द पेशाब करते समय 3) उल्टी और मतली 4) मूत्र में रक्त 5) अधिक बार पेशाब  6) बैठने में असमर्थ 7) मूत्र में बू गुर्दे में पथरी होने का कारण - आहार में बहुत ज्यादा नमक खाने से बचें। उच्च रक्तचाप (अनियंत्रित) असंतुलित आहार पानी की कमी आनुवंशिकता गुर्दा रोगों गाउट आंत्र रोग READ MORE Zingat Wish

मशरूम की खेती कैसे करे तरीके mushroom farming cultivation

Mushroom farming at home india profitability training मशरूम वो सब्ज़ी है जो प्रोटीन से भरपूर होती है. इसके अंदर रेशा और folic amla भी होते हैं जो स्वास्थ्या के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. सेहत के लिए मशरूम को खाना बहुत लाभप्रद होता है. यही कारण है की बाज़ार में इनका कारोबार बढ़ गया है. इसलिए ही मशरूम की खेती आज फायदे का कारया हो रही है.  आइए जाने की मशरूम की खेती कैसे करे mushroom farming at home india मशरूम उगाने के लिए मौसम का चयन भारत में मशरूम को उगाने के लिए ऐसा मौसम चुने जिसमें बहुत अधिक सर्दी नहीं हो. यानी मशरूम ठंड के मौसम में नहीं उगे जाते हैं. इसलिए मशरूम की खेती करने के लिए सही मौसम मे से september है. मशरूम की फसल को नामी युक्ता वातावरण की भी ज़रूरत होती है जो इन महीनो में मिलता है. मशरूम के लिए वातावरण में 90% तक नमी अच्छी रहती है. मशरूम को बाहर या कमरे के अंदर दोनो ही जगह लगाया जा सकता है. मशरूम की खेती के लिए क्यारीओं की तैयारी मशरूम की खेती के लिए ईटो(ठोस मिटटी) की क्यारियाँ बनाई जाती हैं. यह ...

शरीर गर्म रहना कारण इलाज Body heat problem hindi treatment

Body Temperature- मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.6 Degrees (98.6°F (37°C)) होता है आज बताऊंगा sarir garam hona hatheli ka garam rehna body heat kam karne ke upay heat treatment in hindi language hath garam rehna hatheli garam hona khoon ki garmi ka ilaj in hindi hath pair garam rehna body temperature का जरूरत से अधिक या कम होना सामान्य बात नहीं आपके शरीर आपको सूचित करना चाहता है इससे समझे और टेम्परेचर सही करने की कोशिश करने की जरूरत है अधिक तापमान से अनिद्रा, आंखों और पेट में जलन, और कई अन्य अप्रिय रोग पैदा करता है। निधि धवन, सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में डायटेटिक्स के विभागाध्यक्ष हैं,उनके अनुसार " आप को अपने खानपान की आदतों को बदलना होगा तब अपने शरीर के तापमान को नियमित रखने में मदद मिलेगी शरीर में अतिरिक्त गर्मी पैदा होने के कारण होते है  sarir garam hona • रोग, बुखार और मस्तिष्क संबंधी बीमारियों। • असामान्य थायराइड गतिविधि है, जो चयापचय में वृद्धि का कारण बनता है और इसलिए अतिरिक्त गर्मी उत्प...